Dec 3, 2014

एक रात


कल की रात
तुम्हारी रात
विष की और
विरह की रात।

तुमसे दूर तुम्ही में सिमटी
सांस और धड़कन की रात
तुम्हे छोड़कर तुमको मांगा
दर्द भरी उलझन की रात।

गलत और सही की रात
सुनी और कही की रात।

काली ज़िद्दी डरावनी
झर-झर झरती-बहती रात।

कितना क्या- क्या गुज़रा पर,
पर्दे सी सूनी फिल्मी रात
वादों की और दावों की
फिर बिन शब्दों की खाली रात।


कल की रात
सदी सी रात।

Nov 18, 2014

वीर


तुम वीर हो
तुम आस हो
दूर से दुआओं में,
तुम्ही सबसे पास हो।

तुम साहस हो
तुम धैर्य हो
ज्ञान हो,
शौर्य हो।

हो उदाहरण तुम,
रण समर्पित जीव हो
तुम प्रखर हो सूर्य से
और चंद्र सम शालीन हो।

युद्ध जीते है अनेकों
तुम विजय के प्रतिबद्ध हो,
विष लिये हो कंठ मे
तुम नाम ही से सत्य हो।

तुम विजयी होगे,
सर्व-श्रेष्ठ हो।
चक्रव्यूहों से निकलोगे,
कि तुम अर्जुन-वीर हो।


 - मेरे वीरा (भाई ) को समर्पित 

Oct 3, 2014

वीज़ा


आँखों को visa नहीं लगता,
सपनों की सरहद नहीं होती
मिलती तो हूँ रोज़ ही तुमसे,
बंद आँखों से.... माँ !!

फिर भी आँख खुलने पर,
आज फिर याद आयीं तुम !



-गुलजा़र से प्रभावित

Oct 2, 2014

मुक़दमे



मेरी सजा़ सुनाने से पहले
आईना देखना,
मुक़दमे कई वहाँ भी
काबिल-ए-सुनवाई पड़े है..



Aug 29, 2014

शहर



नहीं जानती इसे मैं
नहीं समझता मुझे ये
रिश्ता कुछ,
उल्फ़तों  का बेरुख़ी सा है

मिलने मिलाने की कोशिश
सारी ज़ाया है
खुद में मगन ये
अहम सा बेखुदी सा है


ये जो दूसरा शहर है ..

अजनबी सा है
बड़ा है, खिला है
पर झूठी हंसी सा है




दिख जाते हैं फिर कभी
ऊँची इमारतों के पीछे वो बादल
जो वैसे ही हैं
जैसे थे मेरे शहर

उस रोज़ जब 
बारिश हुई यहाँ भी
वही नर्म सिहरन थी
जैसी होती थी मेरे शहर

शायद हम ही बदल जाते हैं
शहरों की आड़ लेकर।


May 14, 2014

U n Me



the roads to reach you
were bumpy.. wild,
n you had warned
go take them mild.

but it was a different world..

the bumps were tough
'mild' was not the key.
when you were not you,
I couldn't be me!


And here we are
hurt n lost,
prices we've paid
nowhere near the cost.


now lets get healed
reach somewhere together,
where we could see things
same as the other.. for the other!