Dec 31, 2010

ख्वाहिशें

खुशियाँ जो इनायत करते हो मुझको, ए ख़ुदा,
संजोने का उन्हें, सलीका भी सिखा दिया होता |

शिकायत ये नहीं, एक और आरज़ू ही है बस,
प्यार इतना था दिया; निभाना भी सिखा दिया होता |

मुश्किलों का खौफ़ तो कभी ना था,
ज़रा लड़ने का हौसला दिला दिया होता |

खुश हूँ; यूं तो ज़िन्दगी में कोई कमी भी नहीं
हाँ, अरमानों का गुच्छा ना इतना बड़ा दिया होता |

हमसे से हज़ारों यहाँ, तू भी किस किस की सुने,
बस वो हाथ थाम के आसरा ना दिया होता |

हिम्मत तो है; ऐसी टूटी भी नहीं अब तक,
मेरी दुनिया का  बस मुझे मालिक बना दिया होता |

ऐसा भी नहीं अब बनती नहीं मेरी तुझसे
कुछ ख्वाहिशें कह रही है आज
कभी हमको भी नाम दिया होता |

Dec 29, 2010

परिवर्तन

मैं पहले ही अच्छी थी,

जब अनुशाषित थी |


स्वच्छंद मन से आकाश को तय करके
खुद को बादलों में उलझा लिया है
मैं पहले ही अच्छी थी,
जब ज़िन्दगी सुलझी थी |

अब धरती बेहतर लगती है
पर गंतव्य नहीं निश्चित
कई एक मंजिलें दिखती है
सबको पाने की चाहत है
मैं पहले ही अच्छी थी,
जब एक लक्ष्य में सिमटी थी |

असमंजस में हूँ,
क्या खोया है, क्या पाया ?
क्या बेहतर हूँ , या बद्तर ?
या हूँ बेअसर, अब तक !!
कुछ सोपान चढ़े है या पीछे लौटी हूँ ?
या स्थिर हूँ वहीँ, जहां से चलना था ...
ये भ्रम है या आशंका
या डिगा हुआ विश्वास मेरा

लोगों से फिर वो सीख रही
जो सिखलाया करती  थी  मैं.... !!!

शायद मैं पहले ही अच्छी थी;
जब गतिशील थी,

और नियंत्रित भी |

हलचल

काश प्रलय ही हो,
जीवन को कुछ गति तो दे जाये;
काश रक्त कि एक बूँद ही,
बंजर को छू जाये

काश आंधियां ही अब,
पथ पर साथी बन जाये;
भले भंवर में मिलूँ ,
किन्तु ये प्यास तृप्त हो जाये

Oct 3, 2010

विदा !

विदा लेनी है तुझसे

जाना से तुझसे कही दूर .... बहुत दूर...
जहां तेरी आहट न हो
तेरा नाम न हो
तेरी बातें ...तेरी यादें न हो

जहां मैं न होउ
बस ये दुनिया हो

Sep 30, 2010

a Walk


few mistakes recalled,
some sins revisited...


Few strange thoughts in mind
Some unknown feelings at heart;
I'm walking alone all the time
Before the end,

Willing to start .



May 2, 2010

forgot this one



I had created my first blog years back(2007)...n I just forgot about it..
here is the link.. www.nityancreativity.blogspot.com

.. :) so this is not my very first blogging attempt...you see!


UPDATE: looks like the linked blog has been deleted due to inactivity! :-( I need to write more often.

The very first !

....and I started blogging !

Though I had started penning down my thoughts quite a long back. I remember my first poetry attempt being for one of the girls from my class in school. Well, she shared to be in a situation and I just wrote 2-3 lines on that while thinking about it.

And they come out rhyming!!
We were in 4th or 5th std. I guess.

The blogging thing and actually letting people read your words came to me when I was getting used to this online social world. While finishing my graduation, I did sign up for a blogging site. However, I couldn't write much then and lost touch to that side of mine for 2-3 years!

But, I ended up coming back to it ...  :-)