Jan 29, 2019

होना, ना-होना




मेरा होना
तुम्हारे ना-होने के साथ
ख़त्म होता जा रहा है |

कितनी बार
पगलायी सी उम्मीद करती हूँ -
तुम्हारे हाथ आकर रोक लेंगे
कि बस
अब समेटो ख़ुद को
उठो और जियो


मेरे बिना ही |