Oct 3, 2014

वीज़ा


आँखों को visa नहीं लगता,
सपनों की सरहद नहीं होती
मिलती तो हूँ रोज़ ही तुमसे,
बंद आँखों से.... माँ !!

फिर भी आँख खुलने पर,
आज फिर याद आयीं तुम !



-गुलजा़र से प्रभावित

Oct 2, 2014

मुक़दमे



मेरी सजा़ सुनाने से पहले
आईना देखना,
मुक़दमे कई वहाँ भी
काबिल-ए-सुनवाई पड़े है..