उस रोज़ बादल घिरे थे
जब हमें मिलना था
शिकायतें करनी थी
किस्से सुनाने थे
... बातें बाक़ी थी
इस बार के लम्बे इंतज़ार को
ख़त्म होना था
तुमसे मिल कर
बड़ी देर तक
बस तुम्हे देखना था
बिजली कड़क रही थी
फ़ोन पर नज़र जाती थी बार बार
अब तक कॉल नहीं किया तुमने
बिज़ी होगे शायद
कोहरा छा रहा था
दिन भी ख़त्म हो रहा था
कॉल नहीं आई;
तुम ही नहीं पहुचे शायद
जहां हमें मिलना था
उस रोज़..
बारिश भी ज़ोरों से हुई थी
जब हमें मिलना था
शिकायतें करनी थी
किस्से सुनाने थे
... बातें बाक़ी थी
इस बार के लम्बे इंतज़ार को
ख़त्म होना था
तुमसे मिल कर
बड़ी देर तक
बस तुम्हे देखना था
बिजली कड़क रही थी
फ़ोन पर नज़र जाती थी बार बार
अब तक कॉल नहीं किया तुमने
बिज़ी होगे शायद
कोहरा छा रहा था
दिन भी ख़त्म हो रहा था
कॉल नहीं आई;
तुम ही नहीं पहुचे शायद
जहां हमें मिलना था
उस रोज़..
बारिश भी ज़ोरों से हुई थी
Good One :)
ReplyDeletethank you :)
ReplyDeleteLoving someone who doesn't love you,Is like a waiting for a ship at the airport ........... :)
ReplyDelete“Mai janta hun ek suraj mera hoga
ReplyDeleteUs din hi mera savera hoga”.....
आज दिल फिर उदास है,
ReplyDeleteना वो आया ना आने कि आस है............. :-)
fir bhool jao use.. :)
Deleteyeh apke liye tha.... ;-)
Deleteमिलते होंगे
ReplyDeleteलोगों को
न जाने
कितने कंधे
रोने के लिए ,
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ .
liked it :)
ReplyDeletethanks!!!
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