Jan 20, 2011

राहत

इश्क़ की संजीदगी ने यूँ भी दर्द ही दिए थे,
बनाया है जबसे लतीफा खुदको,
बड़ी राहत सी है | 

7 comments:

  1. Thinking to follow it in my life also... :) Good One... :) Keep Posting... :)

    ReplyDelete
  2. par iss rahat mein woh baat kahan, jo dard mein thi.....

    ReplyDelete
  3. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  4. हर हंसी के पीछे जहाँ कि-
    ढेरों खुशियाँ नहीं होती!
    हर मुस्कराहट व्यक्ति कि-
    प्रसन्नता नही होती!!
    बल्कि बहुत सी हंसी के पीछे-
    छिपे होते हैं ढेरों गम!
    बहुत सी मुस्कुराहटों मे-
    होता है उदासियों का चमन!!

    ReplyDelete