Showing posts with label क़त्ल. Show all posts
Showing posts with label क़त्ल. Show all posts

Mar 15, 2013

दिन



एक दिन मुक़र्रर हुआ है क़त्ल का,

उससे पहले..

तुम्हारी कोशिशें कैसी
हमारा संभलना क्या ।